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क्यों जरूरी हैं आधार कार्ड और क्या हैं इसके फ़ायदे?

Image : Google
हम औसत भारतीय हर काम में अपने बचत को पहले देखते हैं और इस बचत के बहुत फायदे भी है, सिर्फ इन्ही छोटी छोटी बचतों के वजह से 2008 की आर्थिक मंदी का भारत पर बहुत कम प्रभाव पड़ा था। बचत करना अच्छी आदत हैं और सभी को करना चाहिए लेकिन हमारे भारत में बचत को लेकर एक अलग तरह सोच हैं यहाँ एक औसत भारतीय माता-पिता सोचते है लड़का या लड़की बस सरकारी नौकरी पकड़ ले ऊपर की कमाई से घर का खर्च निकल जाएगा और तनख्वाह "बचत" हैं, जो कि नैतिक तौर पर गलत तो हैं ही पर देश की अर्थव्यवस्था के लिए भी बहुत खतरनाक हैं, क्योकि अगर इस टाइप की  बचतों को ज्यादा ही "सीरियसली" ले लिया गया तो क्या होगा पता हैं? तब ऐसी बचतों के लिए ही देश के प्रधानमंत्री तक को ऐसा बयान देना पड़ता हैं कि "हम दिल्ली से एक रुपया भेजते हैं लेकिन आप तक केवल 15 पैसे पहुँच पाते हैं"

जी हाँ, हमने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गाँधी जी का बयान ऊपर दिया है जो उन्होंने सन 1985 में कालाहांडी ओडिसा में दिया था। ऐसी बचत एक ऐसे सायकल को जन्म देती है जिसका अंत उस समय राजीव जी को भी नज़र नहीं आया था... लेकिन अब हमारे पास आ गया है "आधार" !!

भारत में एक बहुत बड़ी समस्या है वास्तविक लाभार्थियों की पहचान करना तथा उन तक सरकारी योजनाओ का लाभ पहुँचाना जो अब तक नामुमकिन सा दीखता था, क्योकि जिनके जिम्मे ये जिम्मेदारी थी वो भी अपने बचत के बारे में सोचते थे लेकिन अब ये नहीं है क्योंकि सरकारे अभी तक बाबुओ के टेबल के सहारे योजनाओं का लाभ बाँटती थी जो अब धीरे धीरे आधार कार्ड से जुड़ रहा है।


आधार लिंक छात्र गायब : 


उत्तरखंड सरकार ने आधार कार्ड को जब मदरसों से लिंक करने का सर्कुलर जारी किया तब "ढाई लाख छात्र इन मदरसों से अचानक गायब हो गए" जिनके नाम पर फण्ड डकारा जाता था।


बिहार सरकार ने इस साल स्कूलों में आधार पंजीयन आरम्भ किया तो सहरसा, मधेपुरा एवं सुपौल के कक्षा एक से आठ तक के 11 लाख नामांकित छात्र थे उनमें से अचानक 3 लाख छात्र गायब हो गए जाहिर है इनके नाम पर मध्याह्न भोजन, किताबो, ड्रेस के नाम पर आये फण्ड डकार लिए गए होंगे(यह खबर पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करे)


उत्तरखंड और बिहार ही नहीं ऐसा ही कारनामा उत्तरप्रदेश में भी हुआ है बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों से भी 73 हजार छात्र गायब हो गए है 2016-2017 में 209886 छात्र पंजीकृत थे लेकिन जैसे ही सर्कुलर जारी हुआ की नए सत्र 2017-2018 को आधार कार्ड से जोड़ा जायेगा अचानक से छात्र गायब हो गए।
(यह खबर पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करे)

आधार लिंक राशनकार्डधारी गायब !


Source : How Aadhaar helped identify ineligible beneficiaries of subsidised kerosene


भारत सरकार ने जब सर्कुलर जारी किया की सभी राशनकार्ड आधार से लिंक किये जायेंगे तो 2.3 करोड़ राशन कार्ड ऐसे थे जो अयोग्य पाए गए, इसमें से कुछ ऐसे बचत वाले भी थे जो असली इनकम से कम आय दिखा के राशनकार्ड बनवा रखे थे।

भारत सरकार किरोसिन तेल पर सब्सिडी देती हैं, चंडीगढ़ में 62 हजार लोग लाभार्थी थे, आधार कार्ड से इन लोगो को जोड़ने पर मात्र 17 हजार असली लाभार्थी निकले, ये लोग 5 करोड़ सालाना की चपत सरकार को लगा रहे थे

इसी तरह एलपीजी सिलेंडर को आधार कार्ड से जोड़ने पर सब्सिडी लेने वाले 3.5 करोड़ कनेक्शन फर्जी निकले, सोचिए कि सरकारी धन का किस तरह से बंदरबांट चल रहा था।

बैंक खातों को आधार से जोड़ने पर 5 करोड़ बेनामी बैंक खाते पकड़ में आये जिनसे हवाला के लिए अवैध ट्रांजिक्शन होने का भी सन्देह किया रहा हैं।

किसानों को सरकार खाद पर बहुत सब्सिडी देती हैं एक बोरी यूरिया पर तकरीबन 900 रुपये सब्सिडी रहती हैं पर देखा जाता हैं कि सब्सिडी वाली खाद फैक्ट्री में पहुँच कर अवैध तरीके से इस्तेमाल होती हैं, इसे रोकने के लिए डायरेक्ट सब्सिडी किसान के खाते में दी जा रही हैं आधार कार्ड के जरिये, जिसकी वजह से खाद सब्सिडी के नाम पर गड़बड़ करने वाले रोज पकड़े जा रहे हैं, इसी तरह PAN कार्ड भी आधार से जोड़ा जा रहा हैं ताकि काला धन छिपाने वालो को आसानी से पकड़ा जा सके, और जो लोग फर्जी गरीब बनकर सरकारी योजनाओं का फायदा उठाते हैं उन्हें चिन्हित किया जा सके।

 इसके अलावा आधार कार्ड से आपको कई अन्य फायदे भी हैं। जानें किन कामाें में अाधार कार्ड है जरूरी-

📌10 दिनों में मिलेगा पासपोर्ट : पहचान के प्रमाण के तौर पर सिर्फ एक आधार नंबर देना से आपको सिर्फ 10 दिनों में पासपोर्ट मिल जाएगा और पुलिस सत्यापन बाद की तारीख में किया जाएगा।

📌सिर्फ आधार कार्ड से खुल जाएगा बैंक अकाउंट, दूसरे किसी डॉक्यूमेंट की जरूरत नही।

📌डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट के लिए आधार जरूरी, अब पेंशनभोगियों का खुद से मौजूद होना जरूरी नहीं है।

📌मासिक पेंशन : पेंशनभोगियों को अासानी से मासिक पेंशन मिल सकेगी।

📌आधार नंबर के जरिए शेयर बाजार में निवेश

📌आधार कार्ड के जरिये आसानी से पीएफ का होगा ऑनलाइन भुगतान

📌डिजिटल लॉकर के लिए आधार जरूरी : जरूरी दस्तावेज के लिए सरकार ने डिजीटल लॉकर लांच कर दिया है, जहां आप जन्म प्रमाण पत्र, पासपोर्ट, शैक्षणिक प्रमाण जैसे अहम दस्तावेजों को ऑनलाइन स्टोर कर सकते हैं।

📌एलपीजी सब्सिडी ट्रांसफर : गैस सब्सिडी बैंक खाते में  सीधे तौर पर ट्रांसफर होगी।

📌वोटर कार्ड से जोड़ा जाएगा आधार नंबर: इससे फर्जी वोटिंग पर रोक लगेगी एवं मतदान की प्रक्रिया पारदर्शी बनेगी।

📌जनधन योजना : गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में शामिल प्रधानमंत्री जनधन योजना (पीएमजेडीवाई) के लिए आधार कार्ड ही पर्याप्त है।


अब इसे तो चमत्कार ही कहा जायेगा


'आधार से सरकार को 9 अरब डॉलर की बचत' : नंदन नीलेकणि (भारतीय विशिष्ट पहचानपत्र प्राधिकरण (UIDAI) के अध्यक्ष, इंफोसिस के गैर-कार्यकारी चेयरमैन एवं संस्थापक सदस्यों में से एक )

और यह बचत ऐसे हो रही हैं 



सोचिए भारत जैसे गरीब देश के लिये सालाना 9 अरब डॉलर की बचत कितना मायने रखती हैं, हम और गरीबो के हक के लिए कितनी योजनाएं चला सकते हैं, कितने अस्पताल बना सकते हैं, रोजगार के नए अवसर सृजित कर सकते हैं।

अब अगर आधार इतनी चमत्कारिक चीज हैं तो लोग क्यों इसके खिलाफ हैं? क्यों यह साबित करने का प्रयास कर रहे हैं कि यह बेकार की एक्सरसाइज है और इससे इनकी निजता को खतरा हैं, अब जो लोग इसके खिलाफ हैं सबसे पहले उनकी क्रेडिबिलिटी देखे, और फिर ऊपर दी गयी जानकारी को पढ़े.. तो तस्वीर साफ हो जाएगी। ये लोग वही हैं जिनकी "अनैतिक बचत" अब बन्द हो गयी हैं। इस देश की विडम्बना देखिये की अब लुटेरे जनता को लूटने के लिए निजता माँग रहे हैं ..वाह!!

जबकि हम चाहते हैं कि सरकार आधार कार्ड को और ज्यादा शक्तिशाली बनाये, अभी यह इलेक्ट्रॉनिक नही है, इसे एटीएम कार्ड जैसा इलेक्ट्रॉनिक बनाया जाए, की स्वाइप करो और व्यक्ति की पूरी पहचान मिल जाये। कोई खो जाए, तो आधार केंद्र से उसकी पूरी जानकारी मिल जाये।

इलेक्ट्रॉनिक होता तो ये बाकि सब फालतू के कार्ड को रिप्लेस कर देता लोग सिर्फ आधार, लाइसेंस और पासपोर्ट रखते।
आधार कार्ड को इलेक्ट्रॉनिक करके इसमें मैट्रिक इंटरमीडिएट की मार्कशीट जोड़ा जाए इससे  नौकरी में फ्रॉड खत्म हो जाएगा, पैन कार्ड, वोटर कार्ड, पापुलेशन रजिस्टर की जरूरत भी नही, बैक ग्राउंड चेक की जरूरत भी नही पड़ेगी, विदेशों की तरह शराब बार में जाने से पहले कार्ड स्वाइप होता तो शराब की वजह से कोई क्राइम होता तो तुरन्त पकड़ आता और शराब, सिगरेट कम उम्र के बच्चे नही खरीद पाते।

विदेशों में ऐसा ही कार्ड इलेक्ट्रॉनिक बनता हैं जो वहाँ रहने जाने के एक महीने के अंदर लोगो को बनवाना पड़ता हैं और हम में से जो भारतीय यहाँ आधार के नाम पर नाटक कर रहे हैं निजता का बहाना बना रहे हैं, यही लोग लाइन में खड़े होकर सबसे पहले बनवाते हैं।

सरकार से हमारी अपील हैं की आधार अस्पताल से ही बनाया जाए, आशा वर्कर्स को ट्रेंड करके उन्हें इस काम मे लगाया जाए, बच्चे कितना जी पाये, कितने बीमार...सब खबर का केंद्रीयकरण हो, इसका सबसे बड़ा फायदा यह मिलेगा की हमारे देश की सबसे बड़ी समस्या अवैध घुसपैठ जो देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए सबसे बड़ा खतरा हैं, यह खत्म हो जाएगी।


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टिप्पणियाँ


  1. किया बात है .. उत्तम .. फिर आधार कार्ड का विरोध क्यू ..

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    1. खुद सोचिए, की आधार कार्ड से किसकी लंका लगी और किसकी लगने वाली हैं ... भष्ट्र लोग कभी नही चाहेंगे आधार कार्ड सिस्टम में आये।

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  2. इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.

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    उत्तर
    1. नही, यहाँ से कोई टिप्पणी नही हटाई गई हैं, हम तारीफ के साथ आलोचनाओं का भी स्वागत करते हैं।

      हटाएं
    2. गौतम जी हमारे ब्लॉग से कोई भी टिप्पड़ी हटाई नहीं जाती ,आप चाहे तो फिर से टिप्पड़ी कर सकते है ..हम सुझावों आलोचनाओं और तारीफों का बराबर स्वागत करते है

      हटाएं
  3. हमारे देश में भ्रष्टाचार एक कलंकित सत्य है और इसे सिर्फ कानून बनाकर नहीं रोका जा सकता है, बल्कि तकनीक के इस्तेमाल और पारदर्शिता को बढ़ावा देकर ही इसे समाप्त या कम किया जा सकता है।

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