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अगस्त, 2017 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

देश के खिलाफ साजिश : रोहिंग्या शरणार्थी

आखिर कौन हैं रोहिंग्या शरणार्थी? कहाँ से आये हैं, किधर बसाए गए हैं, हमें उनसे क्या समस्या है, क्या हमें उनकी मदद करनी चाहिए या फिर ये किसी साजिश के तहत भारत में बसाए जा रहे हैं? सम्भवतः ऐसे तमाम सवाल रोहिंग्या शरणार्थियों के नाम सुनते ही हमारे जेहन में आ जाते हैं। आइये आपको विस्तार से बताते हैं रोहिंग्या मुस्लिम शरणार्थियों के बारे में –  जैसा कि मानचित्र में आप देख सकते हैं, म्यांमार का अरकान(रखाइन) प्रान्त बांग्लादेश की सीमा से सटा हुआ है, इसी प्रान्त में रोहिंग्या मुस्लिम सबसे ज्यादा हैं। वैसे तो म्यांमार का कोई कानूनी धर्म नहीं है लेकिन फिर भी ये देश बौध्द धर्म को तबज्जो देता है और यहां की सरकार में चीन का हस्तक्षेप भी काफी ज्यादा रहता है। म्यांमार के नागरिकता कानून (1982) के हिसाब से रोहिंग्या मुस्लिम वहां के नागरिक नहीं माने जाते हैं क्योंकि ये वो मुसलमान थे जो बांग्लादेश से वहां पर घुसपैठ करके पहुंचे थे। बौध्द धर्म अपनी अहिंसा के लिए दुनियाँ में जाना जाता है फिर भी रोहिंग्या मुस्लिम और म्यांमार के बौद्ध लोगों के बीच बहुत झगड़े फसाद होते हैं। संभवतः इसके दो का

कर्नल पुरोहित क्यो फँसाये गए ?

21 अगस्त 2017 को मालेगांव बम धमाके को लेकर सर्वोच्च न्यायालय ने कर्नल पुरोहित को जमानत दी थी और आज एनआईए कोर्ट ने इन दोनों के ऊपर से मकोका और आर्म्स एक्ट की धाराएं भी हटा दी। वे आठ साल से जेल में बंद थे। सुप्रीम कोर्ट ने जमानत देते हुए कहा कि हम बॉम्बे हाईकोर्ट के फैसले को ध्यान में न रखते हुए पुरोहित को जमानत दे रहे हैं। कर्नल पुरोहित भारतीय सेना के इंटलीजेंस डिपार्टमेंट के लिए काम करते थे। तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने हिन्दू आतंकवाद नाम के शब्द को जस्टिफाई करने के लिए कर्नल पुरोहित को इस केस में सिर्फ अपने वोटबैंक (आप समझ सकते हैं) को खुश करने के लिए फँसाया था, आप समझ सकते हैं अगर साजिशकर्ता सरकार में हो तो कितने गम्भीर परिणाम हो सकते हैं। कर्नल पुरोहित को आतंकवाद के दो झूठे मामले में फंसाया गया पहला मालेगांव दूसरा समझौता एक्सप्रेस था, मालेगांव मामले में उन्हें आज जमानत मिल गयी और समझौता एक्सप्रेस वाले मामले में एनआईए के महानिदेशक शरद कुमार ने कहते हैं। “समझौता विस्फोट मामले में उसके खिलाफ कोई सबूत नहीं है। वह कभी भी आरोपी नहीं था। मुझे हैरानी है कि समझौता विस्फोट माम

आधुनिक युग की यशोधरा : जसोदाबेन

करवाचौथ जैसे पवित्र अवसर पर अगर आधुनिक युग की यशोधरा जसोदाबेन जी को याद ना किया जाए तो यह अनुचित होगा, क्योकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रति उनका समर्पण और प्रेम अतुलनीय और आत्मीय हैं।नरेंद मोदी के विरोधी जसोदाबेन जी के मुँह से मोदी जी के लिए कटु वचन निकलवाना चाहते हैं ताकि कंट्रोवर्सी खड़ी करके उसका राजनैतिक लाभ उठा सके पर जसोदाबेन जिन्होंने वाकई अपनी जिंदगी में बहुत तकलीफ उठायी उनके खिलाफ शुभवचनो के सिवाय कुछ नही कहती। जसोदाबेन जी ने उच्चकोटि के जीवन का अनुपम आदर्श स्थापित किया हैं पर मोदी जी के विरोधी उनके वैवाहिक जीवन पर निंदनीय और घटिया टिप्पणी कर अपनी भड़ास मीडिया के माध्यम से अक्सर निकालते रहते हैं। आज हम आपको बतायेंगे नरेंद्र मोदी जी और जसोदाबेन जी के पवित्र रिश्ते का सच, उनकी कुर्बानियो के बारे में। . @narendramodi जी जसोदाबेन से बढ़कर आपका कोई समर्थक और भक्त न होगा क्योंकि बाकी लालच में भक्ति करते लेकिन ये आपके लिए।। नमन🙏 #KarwaChauth pic.twitter.com/jESdiGdhAO — Alok Tiwari (@AlokTiwari9335) October 8, 2017 1968 में गुजरात के छोटे से गाँव वडनगर में एक