युवा मुस्लिम लड़को का गैर मुस्लिम लड़कियों (अमूमन हिन्दू और सिख) को धर्मांतरण के उद्देश्य से बहला फुसला के प्यार के जाल में फँसाने को लव जिहाद कहा जाता है।
लंबे समय तक मीडिया घराने मौलाना और आम इंसान भी ये मानते थे कि लव जिहाद एक मिथ है और ये बीजेपी और हिंदूवादी संगठनों की साम्प्रादायिक सौहाद्र बिगाड़ के राजनैतिक लाभ लेने की चाल है, लेकिन अब बहुत सी घटनाएं दृष्टिगोचर होने के बाद आम जनमानस को भी अहसास होने लगा है कि लव जिहाद एक सच्चाई है।
यद्यपि अभी भी कई छद्म निरपेक्ष, तथाकथित उदारवादी बुद्धिजीवी और मुस्लिम समाज के लोग इस मुद्द्दे को संबोधित करने के बजाय आज भी इसके वजूद से इंकार करने में लगे हुए है।
आखिर लव जिहाद क्या हैं? क्या ये भारत की डेमोग्राफी (जनसंख्या गणित) को बदलने की साजिश है? हालांकि लव जिहाद जैसी घटनाएं दुनिया के कई हिस्सों में घट रही है पर फिलहाल हम अभी भारत मे हुई घटनाओं पर ध्यान केंद्रित करते हैं।
कई ऐसे मामले सामने आए है जहाँ मुस्लिम युवा स्वयं को या तो हिन्दू बता कर या उदारवादी खुले दिमाग का बता कर हिन्दू युवतियो को बहलाते फुसलाते है।
बहुत से लोग ये तर्क देते है कि आज का युवा पढ़ा लिखा हैं, वो सही और गलत समझता है, वो कोई छोटा बच्चा नहीं हैं जो लव जिहाद के जाल में फँस जाए।
पर मेरा सवाल यह है कि क्या अपराध पढ़े लिखे लोगो के साथ नहीं होता? क्या अपराधी आपको सिर्फ इसलिए छोड़ देंगे कि आप सभ्य और शिक्षित हो? हां या ना?
ये जो आप तस्वीरों में देख रहे हैं ये सभी लड़कियाँ लव जिहाद का शिकार हुई, उसके बाद इनके साथ बलात्कार हुआ और फिर कत्ल कर दिया गया, और हाँ इनमें से हर एक लड़की पढ़ी लिखी थी।
हर्षिता शर्मा का रेप ज़ुबैर खान ने किया, जिशा कुमारी का अमीरुल इस्लाम ने जिसको फाँसी की सजा हो गयी है और हादीया/आख़िला का लव जिहाद केस सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है।
अब सवाल यह उठता हैं कि युवा मुस्लिम किससे प्रभावित होकर लव जिहाद करते है... बॉलीवुड? मौलाना? या इस्लामिक कट्टरपंथी?
कुछ हद तक इसमें बॉलीवुड का प्रभाव होता है पर मुख्य उत्प्रेरक इस्लामिक कट्टरपंथियों का प्रोपगंडा हैं YOU TUBE ऐसे वीडियो से भरा पड़ा हैं, जहाँ इस्लामिक स्कॉलर मुस्लिम युवाओं को प्रेरित करते नजर आते हैं कि वो हिन्दू और सिक्ख युवतियों को प्रेमजाल में फँसा कर ▶ उनसे निकाह करे ▶ उनका धर्मांतरण करवाये ▶बच्चे पैदा कर आबादी का संतुलन बिगाड़ें और फिर ▶उन्हें वैश्यावृत्ति की तरह धकेल दे / हत्या कर दे / या फिर आतंकी संगठनो को बेच दें।
अब सवाल ये उठता है कि इस मुद्द्दे को लेकर गैर मुस्लिम आखिर क्या कर रहे हैं (सच्चाई को नकारने के अलावा ) और मुस्लिम क्या कर रहे हैं ( लव जिहाद को इस्लाम को बदनाम करने की बीजेपी आरएसएस की साजिश समझने के अलावा )
अब लव जिहाद से अपनी युवतियों को बचाने के लिए हिन्दू या गैर मुस्लिम आखिर क्या कर सकते हैं?
📌 अपनी लड़कियों को लव जिहाद के बारे में जानकारी दें, उसके कारण और उसके परिणाम से अवगत कराये .. क्योंकि जागरूकता ही सर्वोत्तम उपाय हैं।
📌 लड़कियों को अगर लगे कि कोई संदिग्ध आदमी उनका पीछा कर रहा हैं नजर रख रहा हैं तो उन्हें बिना देर किए अपने अभिभावकों से इसके बारे में तुरन्त बात करना चाहिए।
📌 लड़कियों को भी अपनी चतुराई और शिक्षा का उपयोग करना चाहिए कि कौन उनका सच्चा दोस्त हैं और कौन दोस्ती के नकाब के पीछे छुपा हुआ बदनीयत दुश्मन हैं।
📌 अभिभावकों को अपने बच्चों के साथ मित्रतापूर्ण व्यवहार करना चाहिये, ताकि वो अपनी समस्या आपसे निःसंकोच शेयर कर सके ....लड़कियां डर की वजह से अमूमन हिचकिचाती हैं।
📌 अभिभावकों को जासूस की तरह बर्ताव नहीं करना चाहिए और न ही निगरानी रखनी चाहिए पर ये बात भी मालूम होनी चाहिये की लड़की के मित्र कौन है और वह किसके साथ सम्पर्क में हैं... आज़ादी जरूरी हैं, निजता उससे भी ज्यादा जरूरी है पर किसी भी चीज़ की अधिकता नुकसानदायक साबित हो सकती हैं।
📌 धर्म का थोड़ा बहुत ज्ञान लेने से कुछ नहीं चला नही जाता हैं, पर हिन्दू धर्म की शिक्षा देने के लिए बच्चियों पर दबाव मत डालिये उनको प्रेरित कीजिये। हिन्दू लड़कियों के धर्म परिवर्तन की संभावनाएं इसलिए भी प्रबल होती है क्योंकि न ही उन्हें अपने धर्म के विषय मे ज्यादा जानकारी होती है और न ही धार्मिक कृत्यों में रुचि। इस विषय पर मेरा साधारण सवाल है कि मुस्लिम बच्चा मदरसे में धार्मिक शिक्षा ले लेता है पर एक हिन्दू बच्चे को वेदों के विषय मे कोई ज्ञान क्यों नही दिया जाता? क्यों हिंदुओं की कोई ऐसी संस्था नहीं है? ये सवाल सबसे पहले स्वयं से करें।
उदारवादी शांतिप्रिय मुसलमानो को क्या करना चाहिए लव जिहाद को रोकने के लिए? उन्हें ऐसा क्या करना चाहिए कि उनके बच्चे नफरत फैलाने वाले मौलानाओं के हाथों की कठपुतली न बनें।
📌 मुस्लिम अभिभावकों को अपने बच्चों को जैसा की तारिक फतह साहब बोलते हैं कि अल्लाह के इस्लाम और मुल्ला के इस्लाम के बीच अंतर बताना चाहिए, उनको बताना चाहिए कि किसी लड़की को परेशान कर के उसको रुला करके उन्हें कोई जन्नत और 72 हूर नहीं मिलने वाली हैं।
📌 उदारवादी मुस्लिम अभिभावकों को अपने बच्चों को समझाना चाहिये की किसी की माँ बहन बेटी के साथ ऐसा कोई गलत काम न करें जो की वो अपनी माँ बहन बेटी के साथ बर्दाश्त नहीं कर सकते हैं।
📌 धर्म के ज्ञान के साथ सच्ची धर्मनिरपेक्षता का ज्ञान भी बच्चो को देना बहुत आवश्यक हैं।
📌 अभिभावक बच्चो को बताए कि किसी गैर मुस्लिम को डरा धमका फुसला के मुस्लिम बनाना इस्लाम में जायज़ नहीं हैं।
गैर मुस्लिम और सभी उदारवादी मुस्लिमो को एकजुट हो कर लव जिहाद के खिलाफ जंग छेड़नी चाहिये। हिन्दुओ और सिक्खों को ये सोचना होगा कि अगर इसी तरफ उनकी सारी लड़कियां लव जिहाद का शिकार हो गयी तो उनका भविष्य क्या होगा?
यहाँ मैं एक बात साफ कर दूँ कि अंतरजातीय विवाह और लव जिहाद दो अलग-अलग चीज़े हैं।
समाज के सच्चे धर्मनिरपेक्ष व्यक्तियों को इस लव जिहाद की बुराई से लड़ने के लिए आगे आना चाहिए। चाहे कोई भी धर्म हो और किसी भी प्रकार का अतिवाद हो, वह धर्म और देश को कभी प्रगति की तरफ नहीं लेकर जा सकता हैं ..इसलिए खुदा की इबादत करें न कि मौलानाओं की।
वो प्यार कभी प्यार नहीं हो सकता जिसमे एक लड़का एक लड़की को अपने धर्म मे कन्वर्ट कर ले ..सच्चा प्यार तो वो है जिसमे लड़का, लड़की को उसके धर्म और उसकी मान्यताओं के साथ स्वीकार करे और उसके धर्म को भी उतनी ही इज़्ज़त दे जितनी वो स्वयं के धर्म की करता हैं।
#SayNoToLoveJihad
जय हिंद ! जय भारत !
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(यह ब्लॉग पोस्ट अंग्रेजी भाषा मे श्रद्धा पांडेय जी द्वारा लिखा गया गया था जिसे आप यहाँ क्लिक करके पढ़ सकते हैं)
अनुवादकर्ता : ट्विटर पर मिले
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