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पड़ताल : किस मानसिकता के चलते कुलभूषण की पत्नी और माँ के धार्मिक सुहाग चिन्ह हटवाए गए

Source : Google

कुलभुषण जाधव के परिवार की महिलाओं के मंगलसूत्र, बिंदी, सिंदूर और चूड़ियाँ उतरवा दी पाकिस्तानियो ने, ऐसा मीडिया बता रहा हैं पर क्या यह आप भी यही मान रहे हैं?


अगर हाँ तो आप गलत हैं!! 


मेरा मानना है की मंगलसूत्र, बिंदी, सिंदूर, चूड़ियाँ "पाकिस्तान" ने नहीं, बल्कि 'इस्लाम" ने उतरवायें हैं, क्योकि क़ुरान व हदीस कहते है कि काफ़िरों को अपमानित करो, उनके पवित्र चिन्हो को defile करो, उन्हें तंग करो, harass करो। बस पाकिस्तानियो ने यही किया, उन्होंने अपनी पवित्र किताब के आदेशों का पालन कर के काफिरों को अपमानित किया।

अब आप समझे कि जो लोग अनुष्का शर्मा का माँग में सिंदूर भरने पर मज़ाक़ उड़ा रहे है उन्हें ये विचार कहाँ से मिलते है? उन्हें किलो भर लिपस्टिक लगाने से दिक्कत नही हैं जो पेट मे जाकर स्वास्थ को नुकसान पहुँचा सकती हैं पर सिन्दूर से दिक्कत हैं जो वैज्ञानिक तरीके से सिद्ध हैं कि यह स्वास्थ्य के लिए अच्छा हैं।

अब आप यह ट्वीट देखिये, कैसे भारती जैन जो TOI की पत्रकार हैं अनुष्का शर्मा के सिन्दूर का मजाक उड़ा रही है


ऐसे ही लोगो को देखिये ट्विटर पर अवंतिका सिंह क्या कह रही हैं


ये देखिये नफिल इमरोज साहब भी हमारी बात की पुष्टि कर रहे हैं। इस्लाम और वामपंथ बड़ी चालाकी से आपके रिवाजों को पिछड़ेपन की निशानी बना देता है, ये लोग आपके रिवाजों का और प्रतीकों का मज़ाक़ उड़ाने लगते है। आधुनिकता की दौड़ में अंधे हम लोग बिना अपने रिवाजो को तर्को की कसौटी पर कसे इनकी अतार्किक बात मान कर सिन्दूर छोड़कर लिपिस्टिक लगाने लगते हैं, हम पुष्पक विमान को मिथ समझ लेते हैं पर सेंटा क्रिसमस पर हिरन गाड़ी पर बैठकर आएगा और मोजे में गिफ्ट डालकर जाएगा उस पर विश्वास कर लेते हैं। कुछ अत्याधुनिक हिन्दू को तो  दीपावली पर लक्ष्मी जी का पूजन पिछड़ापन लगने लगता हैं पर क्रिसमस ट्री के सामने जिंगल गाना आधुनिकता प्रोग्रेसिव लगता हैं। इन्हें इसका बिल्कुल विश्वास नही हैं की दीपावली पर लक्ष्मी जी आएंगी पर इस पर दृढ़ विश्वास हैं की क्रिसमस पर सेंटा आएगा।

ऐसे ही लोगों को लेनिन ने useful idiot बताया था।

जो काम इस्लाम एक अलग मुल्क पाकिस्तान को बनाकर कर पाया "सिंदूर पूँछवा देना माँग से" ... वही काम आप ही के लोग आप ही की महिलाओं का दिमाग़ नियंत्रित करके कर रहे है। आधुनिकता के नाम पर जो हिंदू सनातन धर्म के रीति रिवाजों का मज़ाक़ उड़ाते वे दरअसल कैन्सर सेल्स की तरह काम करते हैं जो अपने ही शरीर को खाना शुरू कर देती है।

इन्ही भितरघातियों की वजह से इस्लाम अधिकतर बिना लड़े जीतता रहा है, और जीत कर इतिहास अपनी मर्जी से लिखता रहा हैं।

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 #साहेब (@chintanvedant)





टिप्पणियाँ

  1. यह बहुत मार्मिक था, कुलभूषण को जल्द से जल्द छुड़ाया जाना चाहिए

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