पहला भाग पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें रामजन्मभूमि विवाद का इतिहास भाग-1 पूर्वाभास: पिछले भाग में आपने पढ़ा कि रामजन्मभूमि पर भव्य मंदिर का कैसे निर्माण हुआ, और पानीपत युद्ध मे पृथ्वीराज चौहान की हार के बाद कैसे अयोध्या में लूटपाट की गई, मुगलों के आगमन और राणा सांगा की हार तक, अब आगे पढ़ें । मुगल बादशाह बाबर ने अपने सेनापति मीरबाकी खान को जलालशाह से मिल कर रामजन्मभूमि मन्दिर को तोड़ने की योजना बनाने के लिए अयोध्या भेजा। मीरबाकी खान और जलालशाह ने मंदिर के विध्वंस का पूरा कार्यक्रम बनाया जिसमे ख्वाजा कजल अब्बास मूसा भी शामिल हो गया। उधर बाबा श्यामनन्द जी अपने मुस्लिम शिष्यों की करतूत देख के बहुत दुखी हुए और अपने निर्णय पर उन्हें बहुत पछतावा हुआ। भगवान का मंदिर तोड़ने की योजना के एक दिन पूर्व दुखी मन से बाबा श्यामनन्द जी ने रामलला की मूर्तियाँ सरयू में प्रवाहित किया और खुद हिमालय की और तपस्या करने चले गए। मंदिर के पुजारियों ने मंदिर के अन्य सामान आदि हटा लिए और वे स्वयं मंदिर के द्वार पर खड़े हो गए उन्होंने कहा की रामलला के मंदिर में किसी का भी प्रवेश हमारी मृत्यु के...