आजादी के लगभग 3 वर्ष के बाद भारतीय संविधान को अधिकारिक रूप से अपनाया गया और तबसे हर वर्ष हम 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस मनाते आ रहे हैं। विश्व के सबसे लोकतांत्रिक देश के वासी होने पर हर भारतीय को गर्व होना भी चाहिए। देश के उन्हत्तरवें गणतंत्र दिवस पर यूपी के कासगंज में मुस्लिमों द्वारा जो आतंक मचाया गया वो सभी देशवासियों को शर्मसार करने के लिए काफ़ी था। कासगंज में मुस्लिम समुदाय ने एक हिंदू युवा चंदन गुप्ता की गोली मारकर सिर्फ इसलिए हत्या कर दी क्योंकि वो तिरंगा लेकर भारत माता की जय और वन्दे मातरम् के नारे लगा रहा था। लोगों में गुस्सा और आक्रोश भर गया, वो सड़क पर उतर आए और देखते ही देखते कासगंज जल उठा। इस नृशंस हत्या ने एक ओर जहाँ कई सवाल खड़े कर दिए वही मीडिया के अधिकांश वर्ग ने चुप्पी साध ली। एक तरफ कासगंज जल रहा था तो दूसरी ओर नेताओ के होंठ सिल गए थे और बड़े मीडियाकर्मी इस हत्याकांड से नजर चुराकर देश की अर्थव्यवस्था और बेरोज़गारी पर बहस करते नजर आए। कुछ अख़बार में खबर छपी तो ऐसे जिससे लोगों में असंतोष की भावनायें और भी बढ़ गयी। ऐसे में सवाल उठता है हिंदुओ की हत्या पर ये दोहरा व्यव...