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मैं मिडल क्लास बोल रहा हूँ !!

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मैं मिड्ल क्लास क्लास बोल रहा हूँ ...

वही middle class जिसके एकाउंट में सैलरी बाद में credit होती  है, tax पहले कट जाता है. वही मिड्ल क्लास जिसकी वैल्यू आपको उतनी ही है जितनी Knife शब्द के उच्चारण के K को प्रर्याप्त है।

हम वही मिड्ल क्लास है जो बंगलोर के विजय माल्या की तरह न ही देश छोड़ सकते है न ही विदर्भ के राम लाल की तरह दुनिया .. न हमे corporate tax की छूट मिलती है और न ही वोट बैंक की राजनीति हमारे कर्ज़ माफी करती है।

न ही हमे गांव के किसान की तरह रात 8 बजे से नींद मारने मिलती है और न ही उद्दोगपतियो कि तरह सुबह 4 बजे तक कॉकटेल पार्टी करने का सुख प्राप्त होता है।

हमे तो सुबह से उठना है और मजदूरी करने जाना है. सुबह से शाम तक मेहनत करनी है आपका टैक्स चुकाने के लिए. हमारी हालत किसी इस्लामिक मुल्क में गैर मुसलमान से ज्यादा अच्छी नहीं है और भविष्य में हालात न सुधरे इसकी व्यवस्था भी आपका बजट कर देता है।

वित्त मंत्री जी आपकी सरकार पर आरोप है कि आप कॉर्पोरेट घरानों की सरकार चलाते है .जबकि सच्चाई ये है कि आपकी सरकार गरीबो की सरकार है ... पर इस अमीर और गरीब के दो पाटों के बीच जो पिसता है वो हम है .

उच्च वर्ग किसी पार्टी का नहीं होता, वह तो सत्ता का साथी है. आज आप है तो आपके साथ 40 मेगा पिक्सल के कैमरा में दांत निपोर के फोटो खिंचवा रहा कल राहुल बाबा आ जाएंगे तो उनके साथ सेल्फी ले लेगा।

जहाँ तक गरीब की बात है तो उसको गरीब रहने में अलग प्रकार का आनंद प्राप्त होता है और आपकी सरकार में तो वो अनुभूति उसको  ज्यादा हो रही है, क्योंकि आपका adhaar card उसको उसका हक छिनने से बचा जो रहा है ..2 रुपये किलो गेंहू और एक रुपये किलो चांवल किसको बुरा लगता है बिना मेहनत किये। लेखक का नाम नहीं पता पर "घोड़ो को मिलती नहीं घाँस है,पर गधे खा रहे च्वनप्राश है" पंक्ति अमर है।

माननीय मंत्री जी जब इस देश मे इतना कीचड़ नहीं था कि आपका कमल खिल पाता और आपकी पार्टी को झंडा उठाने के लिए लोग तक नहीं मिलते थे, तब से ये मिड्ल क्लास उस कमल पर मोहर लगा रहा है। बस वो मिड्ल क्लास कभी  झुंड बन के सड़के नहीं जाम कर पाया, कभी बसे नहीं जला पाया इसलिये शायद आपको भी इनकी सुध नहीं हैं।

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लेखक से ट्विटर पर मिले - अंकुर मिश्रा (@ankur9329)





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