आज 27 फरवरी का दिन है। चन्द्रशेखर आजाद जी की आज पुण्यतिथि हैं। चंद्रशेखर आजाद का नाम असल में चंद्रशेखर तिवारी था लेकिन बाद में इन्होंने खुद को आजाद घोषित कर दिया था और कभी अंग्रेजों के हाथो ना मरने की कसम खाई थी। पंडित सीताराम तिवारी उत्तर प्रदेश के उन्नाव ज़िले के बदर गांव के रहने वाले थे। लेकिन भीषण अकाल के चलते वे मध्यप्रदेश के ग्राम भाबरा में जा बसे थे। जी हां 23 जुलाई 1906 को मध्यप्रदेश के भाबरा गांव में ही सीताराम तिवारी और जगरानी देवी के घर एक बच्चा पैदा हुआ था। नाम रखा गया चंद्रशेखर तिवारी। जैसा कि इन्होंने कभी भी अग्रेंजों के हाथों ना मरने की कसम खाई थी वैसा ही इन्होंने किया भी। 27 फरवरी, 1931 को जब इलाहाबाद के एलफ्रेड पार्क में इन्हें अग्रेजों ने घेर लिया था तो काफी देर तक ये अकेले उनका मुकाबला करते रहे लेकिन जब अंत में उनके पास केवल एक गोली बची थी तो उन्होंने खुद को गोली मार ली थी। आज आपको चन्द्रशेखर आजाद की वह कहानी हम बताने जा रहे हैं जिसे पढ़कर आपको क्षोभ होगा, और शर्म से आपकी आंखें...